Wednesday 2 January 2013

यह मुक्तक संघपति श्रीमती मोहिनी बाई देवराजजी खांटेड़ को खूब पसंद आया



द्वार पर हस्ती  झुकानी चाहिए 

भेंट तन मन की चढ़ानी चाहिए 

सारी दुनिया अपनी हो जाती है 

सिर्फ़ इनकी मेहरबानी चाहिए 


________हास्यकवि अलबेला खत्री 

श्री मुछाला महावीर मंदिर घाणेराव में उपस्थित गिरनार यात्रा संघ के हजारों लोगों के बीच प्रस्तुत किया गया  यह मुक्तक  संघपति  श्रीमती मोहिनी बाई देवराजजी खांटेड़ को खूब पसंद आया

श्री गौतमचंद  देवराजजी जैन